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9799383241उत्पाद के बारे मे – वेजांतों 50 जी एक अति प्रभावशाली पाँचवी पीढ़ी (5th Generation) का पौध पोषण उत्पाद है यह अपने प्रकार का एकलोता जैविक उत्पाद है जिसमे आपकी फसल को लगभग सभी प्रकार के पोषक घटक उपलब्ध हो जाते है।
प्रयोग विधि :- वेजांतों 50 जी का प्रयोग सभी प्रकार की बागवानी फसलों सब्जियों मसालो की खेती अनाज एवं दलहन की फसलों में शुरुआती अवस्था में पौध स्थापन एवं जड़ो के विकास के लिए किया जाता है इसका प्रयोग अन्य राशायनिक खादों के साथ में अथवा जैविक कम्पोस्ट खाद के साथ अथवा पानी में घोल कर बूंद बूंद सिंचाई पद्दती से किया जा सकता है
फायदे :-
1. वेजांतों 50 जी के प्रयोग से भूमि की रचना एवं संरचना मे अत्यधिक सुधार होता है।
2. वेजांतों 50 जी के प्रयोग से भूमि की जलधारण क्षमता मे अत्यादिक वृद्धि होती है जिससे सिंचाई की अवधि बढ़ जाती है ।
3. वेजांतों 50 जी के प्रयोग से जड़ों का विकास कई गुना बढ़ जाता है जिसके कारण आप की फसल को ज्यादा पोषक तत्व उपलब्ध होते है।
4. वेजांतों 50 जी के प्रयोग से पोधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मे सुधार होता है।
5. वेजांतों 50 जी के प्रयोग से फसल का उत्पादन, उसकी गुणवत्ता ( रंग , चमक , आकार , स्वाद , आदि ) मे अत्यादिक वृद्धि होती है।
प्रयोग की मात्रा :-
1. अनाज एवं दलहन फ़सलों में 1 से 2 किलोग्राम प्रति एकड़ ।
2. सब्जिया एवं बागवानी फ़सलों में 2 से 3 किलोग्राम प्रति एकड़ ।
उपलब्ध पैकिंग :-
1 किलोग्राम पाउच
उत्पाद के बारे मे – वेजांतों मैजिक एक अति प्रभावशाली पाँचवी पीढ़ी (5th Generation) का पौध पोषण उत्पाद है यह अपने प्रकार का एकलोता जैविक उत्पाद है जिसमे आपकी फसल को लगभग सभी प्रकार के पोषक घटक उपलब्ध हो जाते है। इसमे लगभग 100% कार्यशील तत्व मौजूद है जिसमे हयूमिक एसिड, फुलविक एसिड , पोटेसीयम ह्यूमेट , कार्बनिक पदार्थ , जैविक पोषक तत्व , समुद्री सेवाल का अर्क एवं कई प्रकार के पौध वृद्धि कारक हार्मोन पाये जाते हैं जो बहुत तेजी से कार्य कर के शानदार परिणाम दिखाते हैं ।
प्रयोग विधि :- वेजांतों मैजिक का प्रयोग सभी प्रकार की बागवानी फसलों सब्जियों मसालो की खेती एवं दलहन की फसलों में क्रांतिक अवस्थाओ में पौधो के विकास एवं उत्पादन वृद्धि के लिए किया जाता है इसका प्रयोग अन्य राशायनिक किट नाशको एवं फफूंदी नाशको के साथ भी किया जा सकता है ।
फायदे :-
1. वेजांतों मैजिक के प्रयोग से पौधों की वृद्धि एवं पौधों के फैलाव मे अत्यधिक तेजी आती है।
2. वेजांतों मैजिक के प्रयोग से पौधों में पर्णहरित ज्यादा बनता है जिसके परिणाम स्वरूप पौधों के पत्ते ज्यादा हरे एवं स्वस्थ व चमकदार दिखते है और प्रकाश संश्लेषण की क्रिया के बढ्ने से पत्तों मे ज्यादा भोजन बनता है और फसल का उत्पादन बढ़ता है।
3. वेजांतों मैजिक मे उपलब्ध पौध वृद्धि कारक हार्मोन पौधों की निरंतर वृद्धि को कई गुना बढ़ा देते है।
4. वेजांतों मैजिक के प्रयोग से पोधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता मे सुधार होता है। परिणाम स्वरूप पौधों पर किट नाशको का प्रयोग कम करना पड़ता है।
5. वेजांतों मैजिक के प्रयोग से फसल का उत्पादन, उसकी गुणवत्ता ( रंग , चमक , आकार , स्वाद , आदि ) मे अत्यादिक वृद्धि होती है।
प्रयोग की मात्रा :-
1. अनाज एवं दलहन फ़सलों में 0.5 से 1 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ घोल कर पर्णिये छिड़काव करे।
2. सब्जिया एवं बागवानी फ़सलों में 1 से 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी के साथ घोल कर पर्णिये छिड़काव करे।
उपलब्ध पैकिंग :-
100 ग्राम, 250 ग्राम, 500 ग्राम
उत्पाद के बारे मे के – 10 एक हर्बल उत्पाद है जिसमे नीम तेल, करंज तेल, जंगली बैरी का अर्क एवं कई प्रकार के विषैले हर्ब्स का सम्मिश्रन है जो पौधो को कई प्रकार की इल्लियों एवं सूंडियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
प्रयोग विधि :- के – 10 का प्रयोग पानी मे घोलकर एक समान रूप से स्प्रे पम्प के द्वारा पर्णिय छिड़काव किया जाता है, के – 10 का प्रयोग अन्य किसी उत्पाद के साथ नहीं करना चाहिए। जब भी फसल पर इल्लियों एवं सूंडियों का प्रकोप नजर आए तब के – 10 का प्रयोग करना उपयोगी रहता है।
फायदे :-
1. के – 10 के प्रयोग से फसल को सभी प्रकार की इल्लियों एवं सूंडियों से लम्बी सुरक्षा मिलती है।
2. के – 10 के प्रयोग से अमेरिकन सूँडी, डी. बी. एम. (Diamond Back Mouth), कपास की गुलाबी सूँडी पर प्रभावी नियंत्रण मिलता है।
3. के – 10 के प्रयोग से सब्जियों एवं धान की फसल में लगने वाली पत्ता लपेट सूँडी का प्रभावी नियंत्रण मिलता है।
4. के – 10 के प्रयोग से सोयाबीन, मूँग, उड़द, मटर एवं चने की फसल में फली छेदक के प्रकोप पर प्रभावी नियंत्रण मिलता है।
5. के – 10 के प्रयोग से सब्जियों एवं बागवानी फसल में पायी जाने वाली फल एवं तना छेदक के प्रकोप पर प्रभावी नियंत्रण मिलता है।
6. के – 10 आपकी फसल की लम्बे समय तक सुरक्षा करता है जिससे धन की बचत होती है।
प्रयोग की मात्रा :-
के – 10 की 0.3 मी. ली. से 0.5 मी. ली. मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से प्रयोग किया जाता है ।
उपलब्ध पैकिंग :-
30 मी. ली., 60 मी. ली., 120 मी. ली. ।
उत्पाद के बारे मे :– क़्विकर – एसएस एक नई तकनीक पर आधारित विश्व स्तरीये गुणवत्ता का सिलिकॉन बेस्ड अति क्रियाशील उत्पाद है। क़्विकर – एसएस बहू आयामीये असर देने वाला गुणवत्ता वृद्धि कारक है। क़्विकर – एसएस को साथ मिलाने मात्र से मिलाये गए कीटनाशक अथवा फफूंदीनाशक का असर बढ़ जाता है।
प्रयोग विधि :- क़्विकर – एसएस का प्रयोग भूमि में पानी के एक समान फैलाव के लिए तथा भूमि की जलधारण क्षमता को बढ़ाने के लिए यूरिया अथवा अन्य किसी रासायनिक खाद के साथ कोटिंग करके सिंचाई से पहले प्रयोग किया जाता है।
फायदे :-
1. क़्विकर – एसएस के प्रयोग से भूमि में मृदा कणो के बीच मे पानी का अवशोषण एवं विस्तार एक समान होता है।
2. क़्विकर – एसएस के प्रयोग से भूमि मे पड़े सभी प्रकार के रासायनिक खाद और जीवांस सरलता से पौधो की जड़ो को उपलब्ध हो पाते है।
3. क़्विकर – एसएस के प्रयोग से पर्णिये छिड़काव के घोल को पौधो के पत्तों की सतह पर एक समान रूप से फैलने एवं चिपकने मे मदद मिलती है।
4. क़्विकर – एसएस का प्रयोग साथ मे प्रयोग किए गए उत्पादो की क्रियाशीलता को बढ़ा देता है तथा उनके असर को लम्बी अवधी तक भी बरकरार रखता है।
5. क़्विकर – एसएस नए जमाने का उत्पाद है जो की बहु आयामी क्रियाविधि पर चिपकाने का (Sticker), फैलाने का (Sprader), क्रिया व्रधन (Activator) एवं तीव्र प्रसारण (Tran locator) का कार्य करता है।
6. पुराने जमाने के चिपकू (Sticker) के मुक़ाबले मे क़्विकर – एसएस की बहुत कम मात्रा कई गुणा ज्यादा कार्य करती है।
प्रयोग की मात्रा :-
क़्विकर – एसएस की 0.25 मी. ली. से 0.30 मी. ली. मात्रा प्रति लीटर पानी के साथ प्रयोग किया जाता है।
उपलब्ध पैकिंग :-
50 मी. ली., 100 मी. ली. ।
उत्पाद के बारे मे :– वेजो – टी ह्यूमिक एसिड आधारित पौध वर्धीकारक हार्मोन है, जिसमे एमिनो अम्ल एवं समुद्री सेवाल अर्क भी अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते है। वेजो – टी पौधो को पोषण उपलब्ध करवाता है, तथा तनाव से बचाता है।
प्रयोग विधि :- वेजों – टी का प्रयोग बागवानी फसलों सब्जी और मसाला फसलों तथा फूलों की खेती में जड़ विन्यास के सुधार के लिए घोल कार सिंचाई के साथ में प्रयोग किया जाता है। वेजो – टी का प्रयोग पौधो के समग्र विकास के लिए पानी मे घोलकर पर्णिये छिड़काव के रूप में भी किया जाता है।
फायदे :-
1. वेजों – टी के प्रयोग से पौधो की जड़ो का विकास अधिक होता है।
2. वेजों – टी के प्रयोग से पौधो के पत्तों का रंग गहरा हरा एवं चमकदार रहता है।
3. वेजों – टी के प्रयोग से पौधो को सभी प्रकार के अति आवश्यक एमिनो अम्ल उपलब्ध होते है जिससे पौधो की उपापचई (Metabolic) क्रियाये (जैसे कि प्रकाश संस्लेशन, स्वशन, कोशिका विभाजन, उत्तक निर्माण, पुष्पन एवं फलन इत्यादि) तीव्र होती है।
4. वेजों – टी के प्रयोग से पौधो कि वृद्धि एवं उत्पादकता में बढ़ोतरी होती है।
5. वेजों – टी के प्रयोग से फसल का उत्पादन एवं गुणवत्ता बढ़ती है।
प्रयोग की मात्रा :-
1. वेजों – टी की 3 मी. ली. से 4 मी. ली. मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से पर्णिये छिड़काव किया जाता है।
2. वेजो – टी कि एक लीटर मात्रा पानी मे घोलकर प्रति एकड़ प्रयोग की जाती है।
उपलब्ध पैकिंग :-
250 मी. ली., 500 मी. ली., 1000 मी. ली. ।
उत्पाद के बारे मे :– चार्जर प्लस एक छठवीं पीढ़ी (6th Generation) का नैनो टेक्नौलोजी आधारित अत्यंत प्रभावशाली उत्पाद है। चार्जर प्लस में कई प्रकार के पौध हार्मोन, अमीनो अम्ल, पोषक तत्व एवं कई प्रकार के विटामिन विद्द्यमान है जो फसल का उत्पादन बढ़ाने मे सक्षम है। चार्जर प्लस पौधो की उपापचई क्रियाओ को नियंत्रित करता है तथा पुष्पन एवं पैदावार को बढ़ाता है। चार्जर प्लस नए जमाने का अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता वाला शानदार उत्पाद है।
प्रयोग विधि :-चार्जर प्लस का प्रयोग पौधो की क्रांतिक अवस्थाओ पर पानी मे घोल बनाकर पर्णिय छिड़काव के रूप में किया जाता है।
फायदे :-
1. चार्जर प्लस के प्रयोग से पौधो की उपापचई क्रियाये (प्रकाश संस्लेशण, स्वशन, कोशिका विभाजन, पुष्पन) बढ़ जाती है।
2. चार्जर प्लस के प्रयोग से पौधो पर फूलों एवं फलों की संख्या बढ़ती है।
3.चार्जर प्लस के प्रयोग से फलों तथा दानों की गुणवत्ता एवं आकार में वृद्धि होती है।
4.चार्जर प्लस के प्रयोग से फसल मे रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है, जिससे पौधे तनाव की स्तीथी में भी स्वस्थ रहते है।
5. चार्जर प्लस की बहुत कम मात्रा भी प्रयाप्त परिणाम देती है जिससे पैसो की बचत होती है।
प्रयोग की मात्रा :-
चार्जर प्लस की 0.2 मी. ली. से 0.3 मी. ली. मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से प्रयोग किया जाता है।
उपलब्ध पैकिंग :-
50 मी. ली., 100 मी. ली. ।
उत्पाद के बारे मे :– इंस्टा – एफ एक अति असरकारक जैविक फफूंदी नाशक है। जिसमे सक्रिए तत्व के रूप में लेंटाना केमारा उपलब्ध है। जो पौधो को कई प्रकार की फफूंद जनक बीमारियों से बचाने की क्षमता रखता है।
प्रयोग विधि :-इंस्टा – एफ का प्रयोग पौधो में फफूंदी जनित रोगो के लक्षण प्रकट होते ही पानी में घोल बनाकर पर्णिये छिड़काव के रूप में प्रयोग किया जाता है। इंस्टा – एफ को अन्य किसी प्रकार के कीट नाशक , फफूंदी नाशक एवं पौध वृद्धि कारक हार्मोन के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
फायदे :-
1. इंस्टा – एफ के प्रयोग से पौधो मे फफूंदी जनित बीमारियों की प्रभावी रोकथाम की जा सकती है।
2. इंस्टा – एफ के प्रयोग से मूँगफली की फसल में पर्ण धब्बा एवं टिक्का बीमारी में नियंत्रण मिलता है।
3.इंस्टा – एफ के प्रयोग से संवेदनशील फसलों (बागवानी सब्जियाँ एवं मसाला फसलों ) मे ऊखटा, गलन, सड़न एवं झुलसा जेसी बीमारियों मे रोकथाम मिलती है।
4.इंस्टा – एफ के प्रयोग से कपास की ब्लैक आर्म पत्तों का लाल एवं पीला होना जैसी बीमारियों मे नियंत्रण मिलता है।
5. इंस्टा – एफ के प्रयोग से ग्वार एवं अन्य दलहन फसलों ( मूंग, मौठ, सोयाबीन, ऊड़द, चना इत्यादि ) में तना गलन ( Black Stam ) रोग मे रोकथाम होती है।
प्रयोग की मात्रा :-
सभी प्रकार की फसलों में रोग के लक्षण प्रकट होने पर इंस्टा – एफ की 1 ग्राम से 1.5 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से प्रयोग किया जाता है।
उपलब्ध पैकिंग :-
100 ग्राम, 200 ग्राम, 400 ग्राम ।
उत्पाद के बारे मे :– रिजु – एएनएस एक प्राकृतिक सूत्र कृमि (निमेटोड) नियंत्रक है, जो फसल की जड़ो को सूत्र कृमि से बचाकर तरोताजा रखता है। रिजु – एएनएस पंचगव्य आधारित उत्पाद है जिसमे करंज ऑइल तथा पोपी सीड ऑइल मिश्रित है।
प्रयोग विधि :-रिजु – एएनएस का प्रयोग फसल की जड़ो में सूत्र कृमि (निमेटोड) की शुरुआती अवस्था पर पानी मे घोलकर सिंचाई के साथ बूंद – बूंद सिंचाई पद्दती से अथवा खुली सिंचाई पद्दती मे कम्पोस्ट खाद मे मिलाकर सिंचाई के आगे प्रयोग किया जाता है।
फायदे :-
1. रिजु – एएनएस के प्रयोग से फसल को सूत्र कृमि (निमेटोड) से प्रभावी सुरक्षा मिलती है।
2. रिजु – एएनएस के प्रयोग से फसल को भूमि मे पाये जाने वाले नुकसान दायक कीट एवं दीमक से भी सुरक्षा मिलती है।
3. रिजु – एएनएस के प्रयोग से जड़ो का विकास एवं विस्तार कई गुणा बढ़ जाता है।
4. रिजु – एएनएस के प्रयोग से पैदावार बढ़ती है।
प्रयोग की मात्रा :-
रिजु – एएनएस की 1 लीटर मात्रा प्रति एकड़ की दर से प्रयोग किया जाता है।
उपलब्ध पैकिंग :-
500 मी. ली., 1000 मी. ली. ।
उत्पाद के बारे मे :– गब्बर जिप्सम एक प्राकृतिक उत्पाद है। गब्बर जिप्सम मे भूमि की कई प्रकार की पैचीदा समस्याओ को समाप्त करने की क्षमता है। आज के समय मे भूमि मे लवणीयता का स्तर बढ़ता जा रहा है, जमीन की जलधारण क्षमता घट रही है, बीजों का अंकुरण प्रभावित हो रहा है, जमीन की मृदा बंध रही है तथा पीएच मान निरंतर बढ़ रहा है इन सभी प्रकार की समस्याओ से बचने के लिए गब्बर जिप्सम का प्रयोग अनिवार्य है। गब्बर जिप्सम के प्रयोग से भूमि की रचना एवं संरचना मे बहुत तेजी से सुधार होता है।
प्रयोग विधि :-गब्बर जिप्सम का प्रयोग खेत की बुवाई जुताई से पहले खेत मे छाँटकर अथवा ट्रैक्टर की मदद से बीजाई करके किया जाता है।
फायदे :-
1. गब्बर जिप्सम के प्रयोग से भूमि की रचना एवं संरचना मे सुधार होता है।
2. गब्बर जिप्सम के प्रयोग से भूमि की जलधारण क्षमता बढ़ जाती है ताकि कम सिंचाई मे भी अच्छा उत्पादन मिल सके।
3.गब्बर जिप्सम के प्रयोग से जमीन का पीएच मान नियंत्रित होता है और सभी प्रकार की खादें पौधो को सुगमता से उपलब्ध हो जाती है।
4. गब्बर जिप्सम के प्रयोग से भूमि की कठोरता घट जाती है जिससे जड़ो का विस्तार कई गुणा ज्यादा होता है तथा कंद वाली फ़सले (प्याज़, लहसुन, आलू, सकरकंद, अदरक, हल्दी, गाजर, मुली, चुकंदर, शलजम इत्यादि) अच्छा आकार प्राप्त करती है।
5. गब्बर जिप्सम के प्रयोग से भूमि की गुणवत्ता एवं उत्पादकता बढ़ती है।
प्रयोग की मात्रा :-
गब्बर जिप्सम की 200 किलोग्राम से 250 किलोग्राम मात्रा प्रति एकड़ की दर से फसल की बुवाई से पहले प्रयोग करनी चाहिये ।
उपलब्ध पैकिंग :-
50 किलोग्राम HEDP बेग ।
उत्पाद के बारे मे :– गब्बर प्रोम एक प्राकृतिक उत्पाद है, जिसे फास्फेट रिच ओर्गेनिक मेन्यूर कहते है। जैसा की नाम से ज्ञात होता है कि यह फास्फोरस तत्व की पूर्ति का अच्छा स्रोत है, तथा भूमि के कार्बन स्तर को सुधारता है। गब्बर प्रोम एक जैविक उत्पाद है जिसका प्रयोग जैविक खेती मे किया जा सकता है।
प्रयोग विधि :- गब्बर प्रोम का प्रयोग खेत की बुवाई जुताई से पहले खेत मे छाँटकर अथवा ट्रैक्टर की मदद से बीजाई करके किया जाता है।
फायदे :-
1. गब्बर प्रोम के प्रयोग से भूमि की रचना एवं संरचना मे सुधार होता है।
2. गब्बर प्रोम के प्रयोग से भूमि की जलधारण क्षमता बढ़ जाती है ताकि कम सिंचाई मे भी अच्छा उत्पादन मिल सके।
3. गब्बर प्रोम के प्रयोग से पौधो को फास्फोरस तत्व की समुचित मात्रा प्राप्त होती है और पौधो का संतुलित विकास होता है।
4. गब्बर प्रोम के प्रयोग से भूमि का कार्बन स्तर बढ़ जाता है।
5. गब्बर प्रोम के प्रयोग से भूमि की गुणवत्ता एवं उत्पादकता बढ़ती है।
प्रयोग की मात्रा :-
गब्बर प्रोम की 75 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से फसल की बुवाई से पहले प्रयोग करनी चाहिये ।
उपलब्ध पैकिंग :-
50 किलोग्राम HEDP बेग ।